Supreme Court to Hear Plea Against Waqf Amendment Act

सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए तैयार: वक्फ संशोधन अधिनियम पर संवैधानिक चुनौती

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह कानून भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे, संपत्ति अधिकारों, और न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है। वक्फ बोर्ड को मिली “असीमित शक्तियाँ” अल्पसंख्यक अधिकारों के नाम पर बहुसंख्यक समुदाय के हितों को नुकसान पहुँचा सकती हैं।

 

मुख्य तर्क एवं चिंताएँ:

धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार: अधिनियम कथित तौर पर एक समुदाय को विशेषाधिकार देकर संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है।

 

मनमानी ज़मीन अधिग्रहण: वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को “वक्फ भूमि” घोषित कर सकता है, जिससे नागरिकों के संपत्ति अधिकार खतरे में।

 

न्यायिक हस्तक्षेप: वक्फ ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट से अधिकार छीनने का अधिकार, न्यायिक पक्षपात की आशंका।

 

गैर-मुस्लिम संस्थाओं के साथ भेदभाव: हिंदू, सिख ट्रस्टों की तुलना में वक्फ बोर्ड को अधिक शक्तियाँ।

 

जवाबदेही का अभाव: वक्फ बोर्ड के निर्णयों के खिलाफ अपील का कोई प्रावधान नहीं।

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सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी:

न्यायालय ने इस मामले को “राष्ट्रीय महत्व का विषय” बताते हुए जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भारत में धर्म और राज्य के संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करेगा।

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